विनेश फोगाट ने मैच समाप्ति से महज 30 सेकंड पहले एक शानदार दांव के साथ हार को जीत में बदल दिया।
इस खेल में कांस्य पदक के लिए प्लेऑफ की आवश्यकता नहीं होती। बैडमिंटन, शूटिंग, तीरंदाजी, और हॉकी जैसे खेलों में ब्रॉन्ज मेडल पाने के लिए सेमीफाइनल में हारने वाली टीम से मुकाबला करना पड़ता है।
अगर किसी अन्य खेल में खिलाड़ी सेमीफाइनल तक पहुंच जाता है, तो उसे पदक के करीब माना जाता है। लेकिन कुश्ती के मामले में यह स्थिति अलग है
कुश्ती में पदक तभी सुनिश्चित होता है जब पहलवान फाइनल में जगह बनाता है। ब्रॉन्ज मेडल के लिए कुश्ती में रेपेचेज का प्रावधान होता है।
भारतीय पहलवान सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त और साक्षी मलिक ने रेपेचेज के माध्यम से ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए हैं।
सुशील कुमार ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में अपना पहला ओलंपिक पदक जीता था।
भारत ने ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया। साक्षी मलिक ने 2016 के रियो ओलंपिक में महिला कुश्ती में भारत के लिए पहला ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया था।
विनेश फोगाट ने राउंड 16 में जापान की मौजूदा चैंपियन युवी सुसाकी को 3-2 से हराकर एक महत्वपूर्ण उलटफेर किया।
इस जीत के साथ भारतीय पहलवान ने क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।